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Thursday, July 7, 2011

जिंदगी एक गुलाब

जिंदगी एक गुलाब का फूल है

पंखुडिया जिसकी जिंदगी के हर पल है

चारों ओर से जो कांटो से सराबोर है

इसे खूबसूरत समझना क्या एक भूल है?

........up ki........

जिन्दगी

ज़िंदगी ने क्या दिया मुझे
सोच परेशा हुआ जब मै
पीछे मुड़ के देखा मैंने
तो पाया,
उस राह पर,
जिस पर चल के मै
यहाँ तलक आया हूँ
सिर्फ काँटे ही बिखरे पड़े दिखाई दिए।

मैं निराश हुआ
दुसरे ही पल
मेरी निगाहे
उस राह के दोनों तरफ बिखरी
हरियाली पर पड़ी
तब मैंने पाया
इन्ही काँटो पे चलने पर
आँखों ने जो बहाए थे आँसू
शायद
उन्ही आँसुओ से सिंच कर,
उस राह के दोनों तरफ,
जिस पर चल मैं
यहाँ तलक पंहुचा हु,
हरियाली गहराई होगी
इससे मुझे सुकूँ मिला
और
जिन्दगी से था जो गिला
वो दिल से दूर हो चला
पाया मैंने
और आज की ज़िंदगी को
चाहे पगडंडी पर कितने भी काँटे
क्यों हो
खुशहाल पाया मैंने

].....................................................up ki