*ऐ "सुख" तू कहाँ मिलता है*
*क्या तेरा कोई पक्का पता है* ‼
*क्यों बन बैठा है अन्जाना*
*आखिर क्या है तेरा ठिकाना।*‼
*कहाँ कहाँ ढूंढा तुझको*
*पर तू न कहीं मिला मुझको*‼
*ढूंढा ऊँचे मकानों में*‼
*बड़ी बड़ी दुकानों में*‼
*स्वादिष्ट पकवानों में*‼
*चोटी के धनवानों में*‼
*वो भी तुझको ही ढूंढ रहे थे*‼
*बल्कि मुझको ही पूछ रहे थे*‼
*क्या आपको कुछ पता है*
*ये सुख आखिर कहाँ रहता है?*⁉
*मेरे पास तो "दुःख" का पता था*‼
*जो सुबह शाम अक्सर मिलता था*‼
*परेशान होके शिकायत लिखवाई*‼
*पर ये कोशिश भी काम न आई*‼
*उम्र अब ढलान पे है*‼
*हौसला अब थकान पे है*‼
*हाँ उसकी तस्वीर है मेरे पास*‼
*अब भी बची हुई है आस*‼
*मैं भी हार नही मानूंगा*‼
*सुख के रहस्य को जानूंगा*‼
*बचपन में मिला करता था*‼
*मेरे साथ रहा करता था*‼
*पर जबसे मैं बड़ा हो गया*‼
*मेरा सुख मुझसे जुदा हो गया।*‼
*मैं फिर भी नही हुआ हताश*‼
*जारी रखी उसकी तलाश*‼
*एक दिन जब आवाज ये आई*‼
*क्या मुझको ढूंढ रहा है भाई*‼
*मैं तेरे अन्दर छुपा हुआ हूँ*‼
*तेरे ही घर में बसा हुआ हूँ*‼
*मेरा नहीं है कुछ भी "मोल"*‼
*सिक्कों में मुझको न तोल*‼
*मैं बच्चों की मुस्कानों में हूँ*‼
*पत्नी के साथ चाय पीने में*‼
*"परिवार" के संग जीने में*‼
*माँ बाप के आशीर्वाद में*‼
*रसोई घर के पकवानों में*‼
*बच्चों की सफलता में हूँ*‼
*माँ की निश्छल ममता में हूँ*‼
*हर पल तेरे संग रहता हूँ*‼
*और अक्सर तुझसे कहता हूँ*‼
*मैं तो हूँ बस एक "अहसास"*‼
*बंद कर दे तू मेरी तलाश*‼
*जो मिला उसी में कर "संतोष"*‼
*आज को जी ले कल की न सोच*‼
*कल के लिए आज को न खोना*‼
*मेरे लिए कभी दुखी न होना*‼