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Sunday, October 8, 2017

Gindagi Holasa๐Ÿ’•๐Ÿ’•

जिंदगी होले, होले मुस्करा उठती है।
जब तुम्हारी कोई इतनी परवाह करे।
जिने की चहा और दुगनी हो जाती है।
फूलों की बहारे।
और रिमझिम, रिमझिम सुहाने मौसम।
बिन मौसम के होते हैं।

Friday, October 6, 2017

Tum Kon Ho๐Ÿค”

*कितना कुछ जानता होगा वो शख़्स मेरे बारे में जो मेरे मुस्कराने पर भी जिसने पूछ लिया कि तुम उदास क्यों हो*