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Thursday, December 29, 2011

Tumhi Mere Mandir Tumhi Meri Puja Tumhi Devta Ho- God Prayer



tumhi mere maathe ki bindiya ki jhilmil
tumhi mere haatho ke gajaro ki manjil
main hu ek chhotisi maati ki gudiya
tumhi praan mere, tumhi aatma ho
tumhi mere mandir, tumhi meri puja........................up ki

Wednesday, December 14, 2011

Humain Apse

..................


Rishte Kanch Ki Tarah Hote Hai,
Toote Jaye To Chubhte Hai.
Inhe Sambhalkar Hateli Par Sajana
Kyoki Inhe Tootne Me Ek Pal
Aur Banane Me Barso Lag Jate Hai…
 ********************************************************
Apne Matlab Ke Liye Kabi Pyar Na Krna
Jhute DiL Se Kbi Ikrar Na Krna
Agr Na Ho Mohabat To Koi Baat Nahi
Pr KisiSe Kabi Jhutha Ikrar Na karna....................
**********************************************************
"Love Every One...
So that Every One Loves you...
But
Be Commited to only one...
So that Every One Respect you.. :).........................................................up ki
 

Saturday, November 26, 2011

Ab tere bina main jaaun kahaan........... :)

Mera piya bhi tu, meri sej bhi tu
Mera rang bhi tu, rangrez bhi tu
Meri naiya bhi tu, manjhdaar bhi
Tujh mein doobu, tujh mein ubhroon
Teri har ek baat sar aankhon pe
Mera maalik tu, mera saahib tu
Meri jaan, meri jaan tere haathon mein
Mera qaatil tu, mera munsif tu
Tere bina kuch soojhe na, tere bina.. kuch soojhe na..
Meri raah bhi tu, mera rahbar tu
Mera sarwar tu, mera akbar tu
Mera mashriq tu, mera maghrib tu
Zaahid bhi mera, murshid bhi tu
Ab tere bina main jaaun kahaan......... :)
 
 
............................................
मेरा हर एक आँसू सांई तुझे ही पुकारे है ~
मेरी पहुँच तुझ तक सिर्फ आँसुओं के सहारे है ~
जब आप की याद सांई सही न जाए ~
आप को सामने न पा कर दिल मेरा घबराए है ~
तब ज़ुबा, हाथ , पांव सब बेबस होते है ~
इन्ही का काम सांई आँसू कर देते है ~
ये आप तक तो नहीं पहुँते पर फिर भी ~
इस तङप को कुछ शांत कर देते है ~
जब तक ये बहते है सांई आँखे बंद रहती है ~
बंद आँखे ही सांई मुझे आप से मिलाती है ~
बह बह कर सांई जब ये थक जाते है ~
कुछ समय सांस लेने खुद ही रूक जाते है ,
पर आप की याद कभी नहीं थकती है,
बिना रूके सदा मेरी सांसों के साथ ही चलती है ~
मुझे मंज़ूर है ये सौदा आप यूँ ही याद आते रहिए ~
आँसूओं के सहारे ही सही मेरे नैनों में समाते रहिए~
ॐसांईराम...♥ॐ नम शिवाय: ♥
♥..ॐ शिरडी वासाय विधमहे सच्चिदानन्दाय धीमही तन्नो साईं प्रचोदयात ॥.♥
♥..ॐ सांई,शिरडी सांई,जय जय साईं.. ♥

Tuesday, November 22, 2011

Kasam Ki Kasam hai Kasam Se [(HD)] " Kareena Kapoor & Hiritik Roshan" By...







Kasam Ki Kasam Hai Kasam Se
Humko Pyaar Hai Sirf Tumse
Kasam Ki Kasam Hai Kasam Se
Humko Pyaar Hai Sirf Tumse
Ab Yeh Pyaar Na Hoga Phir Humse
Yeah Yeah Yeah Yeah

Kasam Ki Kasam Hai Kasam Se
Humko Pyaar Hai Sirf Tumse
Log Kehte Hai Paagal Hoon Main
Yeh Bhi Na Jaanu Dil Lutaya Hai Maine
Ab Kisi Ki Na Maanu
Chain Dekar Ke Maine Bechainiya Yeh Li Hai
Neende Udakar Ke Maine Tumse Wafaye Ki Hai
Kasam Ki Kasam Hai Kasam Se
Jee Rahe The Hum Tere Dum Se
Ab Yeh Pyaar Na Hoga Phir Humse
Kasam Ki Kasam Hai Kasam Se
Humko Pyaar Hai Sirf Tumse

Kuch Ishaaron Mein Tumne Humse Jo Yeh Kahan Hai
Ab Yakin Aa Raha Hai Tumko Bhi Kuch Hua Hai
Kyon Tumko Dekhte Hain Kya Dil Mein Sochte Hai
Toofan Jo Uth Raha Hai Hum Usko Rokte Hai
Kasam Ki Kasam Hai Kasam Se
Ab Yeh Pyaar Na Hoga Phir Humse
Yeah Yeah Yeah Yeah

Kasam Ki Kasam Haan Kasam
Yeh Kasam Di Kasam Le Kasam Haan Kasam Kasam Kasam Kasam Kasam Ki Kasam Hai Kasam Se
Humko Pyaar Hai Sirf Tumse
Ab Yeh Pyaar Na Hoga Phir Humse Yeah Yeah Yeah Yeah.
...............................................................................................................................up ki

Friday, October 28, 2011

Bangla song-mone koro jodi.wmv

Mone Koro Jodi

Har taraf har jagah har kahin pe hai...

Har Taraf tum

 

 

Har Taraf  TUM

Sh: Aa Aa Aa.., Aa Aa Aa.., Aa Aa Aa.., Aa Aa
Chorus: Aa Aa Aa Aa, Aa Aa Aa Aa, Aa Aa Aa Aa
Sh: ( Har Taraf, Har Jagah, Har Kahin Pe Hai
Haan.. Usi Kaa Roop ) -3
Haan Usi Kaa Roop
( Roshni Kaa Koi Dariyaa To Hai
Haan Kahin Pe Zaroor ) -2
K: Roshni Kaa Koi Dariyaa To Hai
Haan Kahin Pe Zaroor
K: (aa Aa Aa.. K: Aa Aa Aa..) -2
K: Aa Aa Aa..
K, Ko: Taanaa Naa Naa Dhim Dhim
Taanaa Naa Dhum Dhum, (tum Taa Num) -3, Taa
Sh: Ye Aasmaan, Ye Zamin, Chaand Aur Sooraj
Kyaa Banaa Sakaa Hai Kabhi Koi Bhi Kudrat -2
Koi To Hai Jiske Aage Hai Aadmi Majboor
K: Koi To Hai Jiske Aage Hai Aadmi Majboor
Sh: Har Taraf, Har Jagah, Har Kahin Pe Hai
Haan.. Usi Kaa Roop
Choruss: Doom, Doom, Doom, Doom, Doom -2
Sh: Insaan Jab Koi Hai Raah Se Bhatkaa
Isne Dikhaa Diyaa, Usko Sahi Rastaa -2
Koi To Hai Jo Kartaa Hai Mushkil Hamaari Door
K: Koi To Hai Jo Kartaa Hai Mushkil Hamaari Door
Sh: Har Taraf, Har Jagah, Har Kahin Pe Hai
Haan.. Usi Kaa Roop
Roshni Kaa Koi Dariyaa To Hai
Haan Kahin Pe Zaroor..

....................................up ki

Wednesday, August 3, 2011

लफ्ज़ बिखरे हुए ...


1.सपने देखना
बंद पलकों में
क्यों कि उन में उड़ने के
कुछ पर होंगे
दुनिया देखना
तो आँख खोल के
यहाँ उन
सपनो के टूटे पर होंगे



2..रात के घने अंधेरे
कैसे सब फ़र्क
मिटा जाते हैं
अलग अलग वजूद
अलग राह के
मुसाफिर की परछाई को
एक कर जाते हैं
रोशन होते ही
हर उजाले में
यह छिटक कर
अलग हो जाते हैं

गीत की जुबान



नही .नहीं

याद नही ....
झे कुछ भी 
उस पहली मुलाकात का
र्फ़ इसके सिवा,
जो तेरी आंखो से ..
मेरी आंखो तक ..
कुछ कौंध के आया था ..
देखा था बेशुमार प्यार
और साथ में ....
कई सवालों को मैंने 
पर न जाने क्यों,
कहा दिल ने ,
यह कोई ख्वाब का साया था ,
सोचा फ़िर रात के अंधेरे में
तुझे कई बार मैंने
जैसे कोई अजनबी खुशबु  सी आ कर 
बदन को सिहरा जाती है  
आता  है हाथो में एक हाथ यूँ  ही ख्यालों में 
और मुद्दतों से जमी कोई बर्फ पिघल जाती है .......
तब सुलग उठता है तन और मन 
और ..........
जैसे इस बदन का अँधेरा  
किसी की  बाहों में उलझ के 
बस अपना आखिरी   दम
तोडना चाहता है 
या जैसे कोई
बरसों से मांगी मुराद का 
सपना अब सच होना चाहता है 
पर तभी न जाने किस ख्याल से 
रूह  जिस्म तक कांप जाता है 
लगता है यूं मुझे  जैसे मैंने 
अनजाने में कोई वर्जित फल 
चख लिया है ....
 तब मेरे बेजुबान बदन से 
स्पर्श  करते तेरे हाथ जैसे 
एक चाँदनी का साया बन जाते हैं 
प्यार के एहसास में डूबे यह हाथ भी 
 मेरे दिल के साथ सिसक जाते हैं 
और तब यूं ही बहती हवा 
ले जाती है उस रिश्ते  की राख को 
उन आखरों तक ...
जो दुनिया की नज़र में 
आज तेरे मेरे लिखे 
गीत की जुबान कहे जाते हैं !!
प्यार के एक पल ने जन्नत को दिखा दिया प्यार के उसी पल ने मुझे ता -उमर रुला दिया एक नूर की बूँद की तरह पिया हमने उस पल को एक उसी पल ने हमे खुदा के क़रीब ला दिया !!


चलना चाहते हो मेरे संग तो बन आकाश चलो मैं धरती बन कर कहीं तो तुम्हे छू ही लूंगी दूर रह कर भी दिलो में हो प्यार सा सहारा लौटना चाहूँ भी तो भी लौट न सकूंगी थाम कर हाथ चलो संग मेरे वहां जहाँ कहीं दूर मिला करते हैं धरती गगन विश्वास के साए में नया जहान ढूंढ ही लूंगी !!

जिधर जाते हैं सब ,उधर जाना अच्छा नही लगता... मुझे फरमान रास्तों का सफर अच्छा नही लगता

एक सवाल

 


 हर सिहरते रिश्ते 
को ,
जमीन देते हैं 
चंद प्यार की फुहारे ,
विश्वास के बीज ,
और मौसम से 
बदलते रंगों में 
साथ चलने का 
एहसास 
पर .....
कैसे कोई 
निभाये उन रिश्तों को 
जिन की जमीन ही भुरभुरी हो ??



न जाने क्यों ??


न जाने क्यों 
ठहरे हुए पानी की तरह 
मेरे लफ्ज़ भी काई से 
कहीं मन में 
ठिठक गए हैं ,
सन्नाटे की 
आहट में 
न कोई एहसास 
न आंसुओं की 
गिरती बूंदें 
इसमें कोई 
लहर नहीं बनाती 
पर इस जमे हुए 
सन्नाटे में 
तेरे होने की 
सरसराहट सी 
एक उम्मीद जगाती है 
की कहीं से प्रेम की 
अमृत धारा 
फिर से इन जमे हुए 
एहसासों में 
कोई लहर दे जायेगी 
और फिर कोई 
नयी कविता 
पन्नो पर बिखर जायेगी !!!

लावा

 

लगता है कभी कभी
मेरे भीतर 

एक लावा सा 
बहता है 
खून नहीं 
तब ओढती हूँ बर्फ ,
और 
सो जाती हूँ 
एक ठण्ड का 

एहसास दे कर 
अपने दिल को बहलाती हूँ 
पर ज्वाला मुखी सा लावा ,
जैसे धधकता ही रहता है 
बर्फ होते हुए सीने में ,
बहता ही रहता है 
और फिर टूटते हुए

बाँध की तरह
 बह जाने को होता है 
तब मैं उस बाँध पर 
अपनी ख़ामोशी की 

रोक लगा देती हूँ 
और मुस्कराते हुए 
हर लावे को 

अपने भीतर समेट लेती हूँ   .............??

 

यह लिखी गयी पंक्तियाँ कुछ अधूरी सी  है ........... 


                                         


परछाई

रात के घने अंधेरे 
कैसे सब फ़र्क
 मिटा जाते हैं 
अलग अलग  वजूद
 अलग राह के 
मुसाफिर  की परछाई को
एक कर जाते हैं 
रोशन होते ही
हर उजाले में 
यह छिटक  कर
अलग हो जाते हैं   
:
:
शायद ज़िन्दगी का सच यही है ?????????


अन्तर

 



दिन भर अपनी चमक से 
कोने कोने
को गर्माता 
यह सूरज अब
धीरे धीरे 
अपनी गुफा
की तरफ़ जायेगा 
हौले से निकलता चाँद 
अपनी फलक से 
इस ढलती शाम
पर गहरा जायेगा 


*******************
अलग राहें 
अलग निगाहें 
टुकडो में बंटी ज़िन्दगी 
धीरे धीरे
अब प्यार के लम्हों 
का अन्तर
समझ में आ रहा है



 

अंधेरों में कुछ रोशनी की बात तुम करो

अंधेरों में कुछ रोशनी की बात तुम करो 
नजर और दामन बचा कर  चलने की बात करो 
भाषा भी है ,शब्द भी है पास कलम के हमारे 
भावों  में डुबो कर सही तस्वीर तुम करो 
हर एक के हिस्से में हैं यह महफूज चंद साँसे 
हर पल यूँ मर के जीने का रियाज न तुम करो 
तलाशो न हर गजल के मायने कोई 
लफ़्ज़ों का यूँ सरे आम कत्ल न तुम करो 
कायम है हर रिश्ता ,यहाँ पर चंद शर्तों पर 
दिल से प्यार का सफ़र अब ख्यालों में तय करो 
सीखा है मुद्दतों बाद मेरी आँखों ने सोना 
झूठे  ख़्वाबों का रंग न अब इन में भरो





चाँद बंदी था कल यही

 

चाँद
यह गोल फुटबाल
को किसने टांगा
अम्बर पर
कल तो यह
मैदान में
खेलते हुए देखा था








चाँद
बंदी था कल यही
शाखाओं की बाहों में
फरार हुए कैदी सा
अब बादलों में छिपता है




चाँद  
मुट्ठी में भर
छिपा लूँ सारी चाँदनी
बैरी जग को बता दूँ
कि जिसे वो  

दाग़दार समझता है
वो ही चाँद  

उसकी जिंदगी में
शीतल छाँव भरता है..


अटके हुए पल

 

 

अटक जाता है मन 
किसी ठहरे हुए 
लम्हे पर 
वह लम्हा 
जो तेरे संग 
कभी बचपने को चूमता 
और कभी तेरी बातो सा 
संजीदा हो जाया करता था 
न जाने कब 
अटके हुए यह पल 
तेरी तरह 
अब न आने की 
कसम खायेंगे !!!



यूँ ही

डायरी के 
पुराने पीले 
पन्नो में 
मिली है ..
कुछ यादें पुरानी 
कुछ लफ्ज़ 
कुछ तस्वीरें 
सोच में हूँ ...
क्या तुम भी 
यूँ ही 
मिल जाओगे कभी ?

एक सच

  1. सुना है 
  2. लेह जैसे मरुस्थल में भी 
  3. बादल फट कर 
  4. खूब तबाही मचा गए हैं 
  5. जहाँ कहते थे 
  6. कभी वह बरसते भी नहीं 
  7. ठीक उसी तरह 
  8. जैसे मेरे मन में छाए 
  9. घने बादल 
  10. जब फटेंगे 
  11. तो सब तरफ 
  12. तबाही का मंजर नजर आएगा 
  13. और फिर तिनको की तरह 
  14. तुम्हारा वजूद 
  15. जो अहम् बन कर 
  16. खड़ा है बीच में हमारे 
  17. कहीं इस रिश्ते के 
  18. ठंडे रेगिस्तान में 
  19. दफ़न हो जाएगा !

आहट

कल रात हुई 
इक हौली सी  आहट
झांकी खिड़की से 
चाँद की मुस्कराहट 
अपनी फैली बाँहों से  
जैसे किया उसने 
कुछ अनकहा सा इशारा
मैंने भी न जाने,
क्या सोच कर 
बंद किया हर झरोखा
और कहा ,
रुक जाओ....
बहुत सर्द है यहाँ
 ठहरा सहमा है हुआ 
हर जज्बात....
शायद तुम्हारे यहाँ होने से
कुछ पिघलने का एहसास
इस उदास दिल को हो जाए
और दे जाए 
कुछ धड़कने जीने की
कुछ वजह तो 
 अब जीने की बन जाए !!

चाँद रात

 



मेरी नजरों की चमक
तेरी ...
नज़रों में बंद
कोई चाँद  रात है


उलझी हुई सी धागे में
यह कोई जीने की सौगात है


और जब यह तेरी नजरें ...
ठहरतीं हैं
मेरे चेहरे पर ठिठक के
तब यह एहसास
और भी संजीदा हो जाता है
कि इस मुकद्दस प्यार का
बस यही लम्हा अच्छा है !!
..............................................................................up ki