माँ tumari बहुत याद आती है
पहले आता नही था खाना बनाना
अब हर सुबह मैं खुद बनाता हूँ
पर जब भी मैं खाने बैठता हूँ
पुरानी यादें फिर ताजा हो जाती है
मैं फिर से अपने बचपन में चला जाता हूँ
कैसे tum मुझे अपने हाथों से खाना खिलाती थी
माँ tumari याद रोज सताती है
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