हमने दूर से, करीब के रिश्तों को.. टूटते देखा है ,
अपनों को ...गैरो के लिए ...छुटते देखा है ॥
अब तो अपनों की खुशियों से भी दूर रखा है खुद को
क्युकी अपनों से ही ...अपनों को... लुटते देखा है ॥
तिजोरी में रखे चंद कागज़ के टुकडो के कारण,
हमने अपनों को ...बेवजह रुठते देखा है ॥
अपने हो जाते है पराये चंद लकीरों से ॥
हमने बचपन के सपनो को खुली आँखों से टूटते देखा है ॥
दर्द है इतना दिल में, किसे दिखाए ये जख्म ?
अपनों को हमने आँखे मूंदते देखा है !!
तुम दूर रहे , और दिल से भी दूर हो गए
तुम्हारे इंतज़ार में अखियों को बार बार रूसते देखा है !
हमने दूर से करीब के रिश्तों को टूटते देखा है ॥
soma
अपनों को ...गैरो के लिए ...छुटते देखा है ॥
अब तो अपनों की खुशियों से भी दूर रखा है खुद को
क्युकी अपनों से ही ...अपनों को... लुटते देखा है ॥
तिजोरी में रखे चंद कागज़ के टुकडो के कारण,
हमने अपनों को ...बेवजह रुठते देखा है ॥
अपने हो जाते है पराये चंद लकीरों से ॥
हमने बचपन के सपनो को खुली आँखों से टूटते देखा है ॥
दर्द है इतना दिल में, किसे दिखाए ये जख्म ?
अपनों को हमने आँखे मूंदते देखा है !!
तुम दूर रहे , और दिल से भी दूर हो गए
तुम्हारे इंतज़ार में अखियों को बार बार रूसते देखा है !
हमने दूर से करीब के रिश्तों को टूटते देखा है ॥
soma
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